बरसात
मनहरण घनाक्षरी
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प्रकृति का उपहार
बरसात देती यार
भरती जल भंडार
जल ही जीवन है ।
अंकुरित होते बीज
बनते वृक्ष अजीज
फल फूल और मूल
प्राणी का भोजन है ।
पानी मिले भरपूर
आता हरियाली नूर
बूँद बूँद रिमझिम
मौसम ही स्वर्ग है ।
बरसात का चौमास
भरता जीवन आस
भोजन प्यास का हल
हर साल होता है ।
राजेश कौरव सुमित्र