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22 Jun 2022 · 1 min read

बरसात में साजन और सजनी

आह ! लगी है आज बरसात,
जैसे दिन में हो गई हो रात।
फोन साजन को लगा रही हूं,
हो रही नहीं उनसे मेरी बात।।

चल रही है ठंडी ठंडी हवाएं,
कांप रहा है मेरा सारा गात।
अगर ऐसे में साजन न आए,
कैसे कटेगी मेरी ठंडी ये रात।।

मेरी प्यारी सहेली वर्षा रानी,
जरा थोड़ा सा रुक कर बरसो।
जब आ जाए घर साजन मेरे,
तब तुम खूब जम कर बरसो।।

कर रही सजनी सोलह श्रृंगार,
हो रहा है साजन का इंतजार।
आ जाए ऐसे में उसके साजन,
जीवन में आ जाए उसके बहार।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 7 Comments · 457 Views
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