बरसती बरसात में ______ गीत
पैरोडी गीत __ तर्ज–ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना—
*****पाठक बंधु इसी तर्ज से यह गीत पढ़ें ।****
चली चली ओ चली पुरवाई,
घटाएं भी है छाई।
बरसती बरसात में,
भीगे तन और मन दोनों साथ में।।
चली चली————-
(१) नाचे मयूरा और कोयल भी कूंके,
टर टर टर दादुर बोले।
बरसे है रिमझिम ऐसे हैं बरसे,
मनवा सबका ही डोले।।
ताल तलैया___ताल तलैया भर गए सारे,
फूटे झरनों के फव्वारे।
दिन हो रात या फिर हो प्रभात में,
भीगे तन और मन दोनों साथ में।।
चली चली _______________
सावन में सजनी के सजना भी आए,
झूले डाले बागन में।
गगरी उठा के कोई कजरी सुनाए,
झूम रहा कोई आंगन में।।
सबसे प्यारी _____सबसे प्यारी, बरखा न्यारी
खिल गई धरती की फुलवारी।
हलधर चला हल लेकर हाथ में,भीगे तन और मन दोनों साथ में।
चली चली__________________
राजेश व्यास अनुनय