Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2021 · 1 min read

बरखा

बरसती है बरखा तो बरसने दो ना
कड़कती है बिजली तो कड़कने दो ना
छोड़ो भी अब फिक्र उम्र दराज़ होने की
मचलता है मन तो मचलने दो ना

फिर वो बचपन का लम्हा जी लूँ तो ज़रा
कागज़ की कश्ती फिर से बहा लूँ तो ज़रा
मत छेड़ो तुम आज वो प्यार के नग्में
छेड़ ही दिए हैं तो फिर से नाच लूँ तो ज़रा

वीर कुमार जैन
23 जुलाई 2021

Language: Hindi
274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
Shweta Soni
2981.*पूर्णिका*
2981.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
*पुस्तक*
*पुस्तक*
Dr. Priya Gupta
बात जो दिल में है
बात जो दिल में है
Shivkumar Bilagrami
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
Rashmi Ranjan
शाकाहारी बने
शाकाहारी बने
Sanjay ' शून्य'
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
Anil Mishra Prahari
पतग की परिणीति
पतग की परिणीति
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
इक तमन्ना थी
इक तमन्ना थी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
31/05/2024
31/05/2024
Satyaveer vaishnav
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
कुश्ती दंगल
कुश्ती दंगल
मनोज कर्ण
होरी के हुरियारे
होरी के हुरियारे
Bodhisatva kastooriya
मौहब्बत की नदियां बहा कर रहेंगे ।
मौहब्बत की नदियां बहा कर रहेंगे ।
Phool gufran
बुंदेली दोहे- रमतूला
बुंदेली दोहे- रमतूला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
Anamika Tiwari 'annpurna '
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
उनकी आंखो मे बात अलग है
उनकी आंखो मे बात अलग है
Vansh Agarwal
कैसे चला जाऊ तुम्हारे रास्ते से ऐ जिंदगी
कैसे चला जाऊ तुम्हारे रास्ते से ऐ जिंदगी
देवराज यादव
सुबह की पहल तुमसे ही
सुबह की पहल तुमसे ही
Rachana Jha
गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे?
गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे?
Shekhar Chandra Mitra
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
Paras Nath Jha
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
Punam Pande
लोकतंत्र का मंदिर
लोकतंत्र का मंदिर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
Neelam Sharma
Loading...