~~~ बबुआ बनल बा कसाई ~~~
देखीके समय पर आवत बा रोआई ,
ए भाई बबुआ बनल बा कसाई ,
नौ महीना गरभ में रखनी , सहनी केतना दु:खवा हो ,
आस लगवनी मन मे आपन , पाइब एक दिन सुखवा हो ,
समय कईसन दिहलस भरमाई ,
ए माई बबुआ बनल बा कसाई ,
देखिके ……….
पहले बबुआ कहे की माई तोहरे में चारो धमवा हो ,
दिन रात बबुआ करेला अब के गुणगणवा हो ,
बबुआ ओकरे पर गइले लोभाई ,
ए भाई बबुआ बनल बा कसाई ,
देखिके ……….
सोचनी की जब हम बुढिया होखब बबुआ दिहे सहारा हो ,
मेहरी के आगे चलत नईखे इनकर कवनो चारा हो ,
कुछूओ कहला पर बोलेले झुझुआई ,
ऐ भाई बबुआ बनल ब कसाई !
देखिके ………….
सारा भरम तु तोड़ ए भईया , झूठ न कर गुमनवा हो ,
बेटी बेटा काम न अइहे , काम आई अच्छा करमवा हो ,
प्रभु मे हरदम राख नेहिया लगाई ,
ए भाई भव सागर तर जाई ,
देखिके समय पर आवत ब रोआई ,
ऐ भाई बबुआ बनल बा कसाई !
देखिके ……………