बफेट सिस्टम
बफेट सिस्टम में आजकल ये क्या चल रहा है ,
किसी की प्लेट से कोई उठा कर खा रहा है।
संस्कारो को खोकर भोजन को बर्बाद कर रहे हो।
देशी भोजन छोड चाउमीन बर्गर पर मर रहे हो।।
पर जब तू उल्टी और डायरिया रोग से परेशान था।
तब तेरी जुबान पर बस देशी भोजन का ही नाम था।।
भूल गया वो दिन जब तेरा दोस्त तुझे देशी भोजन लाया था।
तूने उसे बड़े चाव से खाया था,दोस्त को भी खिलाया था।।
मगर जानता हूँ पुरानी आदत है तेरी चख के छोड़ने की।
खुद के पराठे छोड़,मोमोज,इडली साँभर पर मुँह मारने की ।।
अरे ओ नालायक , तूने इस बफेट को तो चुन लिया ।
जो बोलने लायक नही उसको भी तूने सुन लिया।।
मगर वो कॉलेज दोस्त के साथ ,पराठा खाना,
पराठे के लिए अपने ही दोस्तो से लड़ जाना।
उस पराठे जैसा स्वाद कँहा से लाओगे।
वो देशी भोजन का आनन्द कँहा से पाओगे
वो चहरे पर चमक औऱ सेहत कँहा से लाओगे।
उस बड़े शहर में देशी भोजन कँहा से लाओगे।।
पंगत में बैठकर अपनो का साथ कँहा से पाओगे।।
✍️ प्रवीण भारद्वाज✍️