बन बैठी हूँ दीवानी, श्याम तेरे प्यार में
बन बैठी हूँ दीवानी, श्याम तेरे प्यार में
=================
बन बैठी हूँ दीवानी ,श्याम तेरे प्यार में
मैं दुनिया भुला बैठी तेरे इंतज़ार में..
सुधि बुधि भूली ,फिरू मारी मारी
बन के जोगन मैं तेरी
तन मन उलछा तुझसे ही प्यारे
यह उलझन है मेरी
मेरे प्यार को समझे न कोई
इस बैरी संसार में………(1)
क्यों? रूठा है मुझसे प्यारे
मैंने ये सौदा तो,नहीं किया था
मै क्या जानू सौदेबाजी
दिल के बदले दिल को दिया था
फिर क्यों मेरे प्यार की कीमत
लगा रहा व्यापार में…………..(2)
तुझे खिबईयाँ कहते सब है
बीच भँवर में तू न छोड़ें
मैं किस्मत की मारी हूँ क्या?
जो देख मोहे तू मुख मोडे
ये अत्याचार नहीं तो क्या है
इक तू ही न दिखे संसार में…… (3)
बन बैठी हूँ दीवानी …श्याम तेरे प्यार में
मैं दुनिया भुला बैठी तेरे इंतज़ार में
राघव दुबे
इटावा (उ०प्र०)
8439401034