बन्धन
चाहा था जिनको बचपन से
बांध के बन्धन
ले आया हूं उनको
घर अपने ।
उनके आ जाने से
महक रहा है घर आंगन
और बहक रहे हैं
सब अपने ।
साथ ही उनके
जी लूंगा मै भी
जीवन के कुछ मीठे
पल अपने ।
देखे थे जो हमने
मिलके साथ कभी
सपने पूरे होंगे वो
कल अपने ।।
राज विग 05.12.2020