बनो तो दानवीर कर्ण की तरह
बनो तो दानवीर कर्ण की तरह,
जिस को श्राप ने मारा
क्या हिम्मत थी अर्जुन की
तो बस कर्ण को श्राप ने ही दे मारा
श्राप न मिलता अगर उनको
तो नहीं था कोई शूरवीर उन जैसा
बस गुरु से झूठ बोलकर
शिक्षा के मोह ने ही उनको मारा
था साथ रथ पर श्री कृष्ण जी
के प्रकोप का , जिस की वजह
से एक तीर कर्ण के
से रथ तीन कदम ही
जाकर रण में था धकेला
अगर न होते कान्हा उस पर
तो न जाने अर्जुन का
क्या क्या उस वक्त ही होता
नमन है उस वीर कर्ण को
जिस को पैदा होते ही
लोक लाज की शर्म से बचने पर
उस की माँ ने धारा में बहाया
बड़ा होते होते एक राजपूत
कहलाने की जगह वो बेचारा
एक सूत पुत्र के नाम से
महाभारत में कहलाया
मौके की तलाश ने उस शूरवीर
को मौत के घाट जा उतारा
न मिलता अगर श्राप उसको
तो , आज अर्जुन की जगह
दानवीर कर्ण का नाम
लेने को बेबस हो जाता
यह भारत देश हमारा
अजीत कुमार तलवार
मेरठ