बने रहें जब श्रेष्ठ जन ,गूँगे- बहरे मूक
क्या होगी इससे बड़ी,जग में दूजी चूक ।
बने रहें जब श्रेष्ठ जन ,गूँगे- बहरे मूक ।।
दुहराई यदि आपने, वही पुरानी भूल ।
तो फिर सच ये जान लो,फूल बनेंगे शूल।।
रमेश शर्मा
क्या होगी इससे बड़ी,जग में दूजी चूक ।
बने रहें जब श्रेष्ठ जन ,गूँगे- बहरे मूक ।।
दुहराई यदि आपने, वही पुरानी भूल ।
तो फिर सच ये जान लो,फूल बनेंगे शूल।।
रमेश शर्मा