Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

बना माघ है सावन जैसा

बसंत ऋतु में मेंघों ने है
यह कैसी ताल लगाई है,
भोर पहर ही देखो नभ से
बरखा भी गाती आई है ।

रिमझिम रिमझिम गान सुनाती
मीठे मीठे भाव जगाती,
सप्त सुरों को अंग लगाती
मधुरिम सी सुबह सजाई है ।

बना माघ है सावन जैसा
भीगा भीगा भादो जैसा,
बरखा बसंत ऋतु की मानों
हो रही आज सगायी है ।

बरसे ओले बिन आहट ही
गरजे बादल बिन मौसम ही,
पड़़ पड़ पड़ पड़ गिरती बूंदे
ज्यों बजा रहीं शहनायी हैं ।

डॉ रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल

Language: Hindi
2 Likes · 173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all

You may also like these posts

रहमत थी हर जान ,,,
रहमत थी हर जान ,,,
Kshma Urmila
पलकों पे जो ठहरे थे
पलकों पे जो ठहरे थे
Dr fauzia Naseem shad
रहती जिनके सोच में, निंदा बदबूदार .
रहती जिनके सोच में, निंदा बदबूदार .
RAMESH SHARMA
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
Manisha Manjari
*जाता देखा शीत तो, फागुन हुआ निहाल (कुंडलिया)*
*जाता देखा शीत तो, फागुन हुआ निहाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
#और चमत्कार हो गया !
#और चमत्कार हो गया !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
दोहा पंचक. . . . .
दोहा पंचक. . . . .
sushil sarna
सुंडाळा सुध राखियौ , म्हांनै बाळक जांण।
सुंडाळा सुध राखियौ , म्हांनै बाळक जांण।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
" रिश्ता "
Dr. Kishan tandon kranti
2650.पूर्णिका
2650.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
विवाहोत्सव
विवाहोत्सव
Acharya Rama Nand Mandal
19, स्वतंत्रता दिवस
19, स्वतंत्रता दिवस
Dr .Shweta sood 'Madhu'
‘पथ भ्रष्ट कवि'
‘पथ भ्रष्ट कवि'
Mukta Rashmi
😊 #आज_के_सवाल
😊 #आज_के_सवाल
*प्रणय*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
लोग आपके प्रसंसक है ये आपकी योग्यता है
लोग आपके प्रसंसक है ये आपकी योग्यता है
Ranjeet kumar patre
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
कही अनकही
कही अनकही
Deepesh Dwivedi
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
"दुमका संस्मरण 3" परिवहन सेवा (1965)
DrLakshman Jha Parimal
प्यार का उत्साह
प्यार का उत्साह
Rambali Mishra
खुद को खुदा न समझा,
खुद को खुदा न समझा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
पैसा
पैसा
Mansi Kadam
Loading...