Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

बना कावड पिताजी मैं तुम्हें

बना कावड पिताजी मैं तुम्हें उसमें बिठाऊंगा
उठा कंधे पर मैं अपने तुम्हें तीर्थ कराऊंगा

यही है फर्ज बेटे का यही बस काम बाकी है
मुझे अब कुछ नहीं चाहिए तुम्हें ज्योति दिलाऊंगा

नहीं परवाह है मरने की नहीं डरता मुश्किल से
लगा दू जान की बाजी इसे दिल से निभाऊंगा

कहे बलदेव रहूंगा मैं भूखा और प्यास भी
किया है प्रण मैंने जो इसे पूरा निभाऊंगा

44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
4731.*पूर्णिका*
4731.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भूलना
भूलना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दिखाने लगे
दिखाने लगे
surenderpal vaidya
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
Smriti Singh
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
मुस्कुरा  दे  ये ज़िंदगी शायद ।
मुस्कुरा दे ये ज़िंदगी शायद ।
Dr fauzia Naseem shad
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
"नींद से जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
रूठना और भी खूबसूरत हो जाता है
रूठना और भी खूबसूरत हो जाता है
पूर्वार्थ
श्री रमेश जैन द्वारा
श्री रमेश जैन द्वारा "कहते रवि कविराय" कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
Ravi Prakash
"फ़ुरक़त" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कर्म ही है श्रेष्ठ
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
इन चरागों को अपनी आंखों में कुछ इस तरह महफूज़ रखना,
इन चरागों को अपनी आंखों में कुछ इस तरह महफूज़ रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सोचें सदा सकारात्मक
सोचें सदा सकारात्मक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
■ सियासत के बूचड़खाने में...।।
*प्रणय*
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
gurudeenverma198
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
Phool gufran
बाकी है...!!
बाकी है...!!
Srishty Bansal
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
sushil sarna
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
एक कहानी सुनाए बड़ी जोर से आई है।सुनोगे ना चलो सुन ही लो
एक कहानी सुनाए बड़ी जोर से आई है।सुनोगे ना चलो सुन ही लो
Rituraj shivem verma
Loading...