Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2020 · 1 min read

बनारस की गली में

बनारस की गली में
दिखी एक लड़की
देखते ही सीने में
आग एक भड़की

कमर की लचक से
मुड़ती थी गंगा
दिखती थी भोली सी
पहन के लहंगा
मिलेगी वो फिर से
दाईं आंख फड़की
बनारस की गली में…

पुजारी मैं मंदिर का
कन्या वो कुआंरी
निंदिया भी आए ना
कैसी ये बीमारी
कहूं क्या जब से
दिल बनके धड़की
बनारस की गली में…

मालूम ना शहर है
घर ना ठिकाना
लगाके ये दिल मैं
बना हूं दीवाना
दीदार को अब से
खुली रहती खिड़की
बनारस की गली में…

✍️ आलोक कौशिक

संक्षिप्त परिचय:-

नाम- आलोक कौशिक
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा- पत्रकारिता एवं स्वतंत्र लेखन
साहित्यिक कृतियां- प्रमुख राष्ट्रीय समाचारपत्रों एवं साहित्यिक पत्रिकाओं में सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित
पता:- मनीषा मैन्शन, जिला- बेगूसराय, राज्य- बिहार, 851101,
अणुडाक- devraajkaushik1989@gmail.com
चलभाष संख्या- 8292043472

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 489 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
कभी किसी की सादगी का
कभी किसी की सादगी का
Ranjeet kumar patre
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
Rakshita Bora
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
हे नारियों खंजर लेकर चलो
हे नारियों खंजर लेकर चलो
Sonam Puneet Dubey
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भाव और ऊर्जा
भाव और ऊर्जा
कवि रमेशराज
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
लक्ष्मी सिंह
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
******** प्रेरणा-गीत *******
******** प्रेरणा-गीत *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
*प्रणय प्रभात*
3431⚘ *पूर्णिका* ⚘
3431⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
Sampada
“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It ca
“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It ca
पूर्वार्थ
दीपावली
दीपावली
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
Ravi Prakash
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
इजहार करने के वो नए नए पैंतरे अपनाता है,
इजहार करने के वो नए नए पैंतरे अपनाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
Dr Archana Gupta
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
शेखर सिंह
किस-किस को समझाओगे
किस-किस को समझाओगे
शिव प्रताप लोधी
Loading...