सावन का मौसम
ये रिमझिम बारिश का मौसम तिस पर तेरा वियोग
व्याकुल मन है इस वियोग में मिलने को मजबूर।
तेरी विरह वेदना लेकर मैं अपना हाल सुनाता किसको,
कौन होता जो सुनता मेरी अपने पास बुलाता मुझको।
इस बारिश के मौसम में तुम बन फुहार आ जाओ,
सुहाने से इस मौसम में जीवन मेरा महका जाओ।
सारी बातें सारी यादें तुझ पर ही जाकर थमती हैं,
सावन में हमको ये सब जैसे मिलने को ही कहती हैं।
सावन के इस मौसम मे कोई किसी से रहे ना दूर
प्रिय पास हो सभी के कोई न हो मिलने को मजबूर।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्य प्रदेश)