बनल रहा बरियार मोदी जी
छूट गइल कुल यार संघाती , घरवां के परिपाटी ।
दिन से भइली हीन गाँव क गरियावेले माटी ।
धय धय लोला दाबेले सरकार मोदी जी ।
राम करें तूं बनल रहा बरियार मोदी जी ।
चिक्कन चिक्कन बात तू खाली टीबी से बतियावा ।
समय के मारल लइकन के कह पुलिस से लतियावा ।
बस भाषण में बांटा तू रोजगार मोदी जी ।
राम करें तूं बनल रहा बरियार मोदी जी ।
माई बहिन क गारि देवे खातिर हव परशासन ।
सुन सुन के बरदास करिले जइसे कुस के डासन ।
पढ़ लिख के भी ताकि मुँह तोहार मोदी जी ।
राम करें तूं बनल रहा बरियार मोदी जी ।
सांझ सबेरे ढिबरी लेखा भभकी अउर बुताईं।
गांव के लोगवा पुछेलें कब कपरा मऊर बन्हाई ।
अर्थहीन हो गइली हम बेकार मोदी जी ।
राम करें तूं बनल रहा बरियार मोदी जी ।
तीन लोक क बिजयी रावण बनबासी से हारल ।
बानर के बानर जाने क गलती लंका जारल ।
जिन बुझा तू संसद के ससुरार मोदी जी ।
राम करें तूं बनल रहा बरियार मोदी जी ।
संविधान क हम्मे कवन असार मोदी जी ।
राम करें तूं बनल रहा बरियार मोदी जी ।
✍️ धीरेन्द्र पांचाल