बधाई हो (गीतिका)
बधाई हो (गीतिका)
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(1)
बधाई हो नया यह साल सबके घर खुशी छाए
निरोगी हों सभी जन, अब दुखी कोई न रह पाए
(2)
सभी के बीच रिश्तों में बसी हो प्यार की खुशबू
मौहल्ला हर गली भरकर मोहब्बत अपने घर लाए
(3)
अँधेरों को मिटाकर अब हवा का रुख बदलना है
नए माहौल में हर पेड़ – पत्ती – फूल मुस्काए
(4)
चले हैं देशवासी अब नया भारत बनाने को
सँवरते दौर का परिदृश्य सबको अब नजर आए
(5)
जो हैं सीधे सरल सच्चे उन्हें उम्मीद जागी है
रिश्वत का चलन इस देश से शायद कभी जाए
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451