बधईया बाजे नंद बाबा घर में
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
दाऊ के बाद कृष्ण जो जनमें
जमुना मारे हिलोर
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
देवकीनंदन ब्रिज के बिहारी
लिपटत आँचल मात मुरारी
किलकत नंद–किशोर
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
देखी जशोदा वारी जावैं
पलकन पर कान्हाँ को सजावैं
नैनन–भर चहुँओर
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
कारी सी आँखें हैं कजरारी
फूल से होंठ खिलत फुलवारी
महकत हर्ष विभोर
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
गोकुल के सारे नर–नारी
गावैं मंगल नंद डिहारी
अँगना नाचत मोर
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
मदमाए सब हिय के झोंके
“कुँवर” कन्हैया चरण को पोंछे
शीश धरत हरी ठोर
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
–कुँवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह
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