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20 Sep 2024 · 1 min read

बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।

बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
यहां फनकार है कितने मगर आवाज़ नये है।
बड़ी अय्याश है दुनिया हुकूमत से नहीं डरती।
सजा उनको मिले कैसे यहां सब राज नये है।।
Phool gufran

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