बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
यहां फनकार है कितने मगर आवाज़ नये है।
बड़ी अय्याश है दुनिया हुकूमत से नहीं डरती।
सजा उनको मिले कैसे यहां सब राज नये है।।
Phool gufran
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
यहां फनकार है कितने मगर आवाज़ नये है।
बड़ी अय्याश है दुनिया हुकूमत से नहीं डरती।
सजा उनको मिले कैसे यहां सब राज नये है।।
Phool gufran