बदल गए घिसे पीटे मुद्दे …
बदल गई राजनीति देश की ,
बदल गए सब घिसे पीटे मुद्दे ।
अब तो कर्म प्रधान होगी जीत,
नहीं चलेंगे जाति और धर्म के मुद्दे ।
दलों के इस मछली बाजार में ,
अब तक थे नकारा से चेहरे भद्दे ।
स्वार्थ और स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने ,
की होड़ में जाने कहां छुप गए थे,
देश के विकास वादी मुद्दे?
अब जा लेकर आई कर्मठ और ईमानदार ,
सरकारें देश और समाज हित में ,
विकासवादी मुद्दे ।