बदले दोस्त
दोस्ती कर के खुशियों की किताब मांगते है
दोस्त मेरे गलतियों का हिसाब मांगते है
शामिल होते है हर खुशी में मेरी
आसुओं के मेले में अकेला छोड़ देते है
दोस्त मेरे गलतियों का हिसाब मांगते है
मुस्कुराए सब कुछ सहकर तो अच्छे लगते है
बताए बाते दिल की तो वो जज करते हैं
दोस्त मेरे गलतियों का हिसाब मांगते है
कर्ण बनू मैं ख्वाइश सब रखते है
दुर्योधन बन कर साथ निभाते नही है
दोस्त मेरे गलतियों का हिसाब मांगते है
अच्छाई को मेरी वो संभाल लेते है
गलतियों को वो मेरी भुला पाते नही है
दोस्त मेरे गलतियों का हिसाब मांगते है