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11 Apr 2024 · 1 min read

बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।

बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।
देह, देह ने जीत ली, रूह गई पर हार।।
✍️अरविन्द त्रिवेदी

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