बदला है जमाना
**** बदला है जमाना (ग़ज़ल) ****
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देखो कितना बदला बदला है जमाना,
बदला खाना बाना बदला है जमाना।
राहों में कदमों की गति भी रुक गई हैं,
बदले सारे रास्ते बदला है जमाना।
लहरों का लहराना भी थम सा गया है,
सागर बदले बहना बदला है जमाना।
तूफ़ां ने रोका आना जाना सभी का,
बूँदों का रुख बदला बदला है जमाना।
दीवानों ने अब बदली दीवानगी है,
बदला है परवाना बदला है जमाना।
मनसीरत ने यारो खुद को भी न बदला,
बदला सबका नखरा बदला है जमाना।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)