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20 May 2024 · 1 min read

बदलाव

उसकी बाते पहले अजीब ,
अब अंजानी लगती है ,
बदलाव की परिभाषा की,
अब हमे समझ लगती है ।

कभी हुआ करता था ऐसा भी ,
बदलावों से मुझे फर्क नहीं पड़ता था ,
इस कारण ही शायद ,
बदलाव महज़ एक शब्द लगता था ।

मगर अब , सब बदल गया है ,
ना मै हूँ पहले जैसी ,
ना अब कोई और पहले जैसा रहा है।

हकीक़त कहूं तो ठीक हूँ , मै ,
हकीक़त की हकीकत कहूं ,
तो इतनी भी कुछ खास नहीं ,

बस थोड़ी सी उलझन में हूँ मै ,
किसी से मै नराज़ नहीं।।२

❤️ सखी

Language: Hindi
76 Views

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