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3 Dec 2021 · 1 min read

बदलाव की क्रांति

क्रांति होनी चाहिए। बदलाव की अस्तित्व की नहीं। क्रांति में नग्नता नहीं ,सौंदर्य व शालीनता हो तो ही ठीक है।लड़कियों को यह क्यों नहीं समझ आ रहा है कि यह कपड़े उतारना सिर्फ अश्लीलता व भोंडे पन की निशानी है। हर पहलू के कुछ नियम कानून होते है । मर्यादाएं लाँघना आधुनिकता नहीं चाहे फिर वह लड़की हो या कोई लड़का। साधुवाद

प्रवीणा त्रिवेदी “प्रज्ञा”
नई दिल्ली 74

Language: Hindi
Tag: लेख
353 Views
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