*बदलते है लोग*
बदलते है लोग
मौसम की तरह भी मिजाज बदलते है लोग।।
हर चेहरे पे कई और नकाब पहनते है लोग।।
क्या किसका बजूद कोई नही जानता है खुद को,,
एक पल में ही शबनम से शोले में ढलते है लोग।।
पास होकर भी दूर से लगते है कभी कभी जो,,
नजर न इस पार से उस पार ऐसा कोहरा बनते है लोग।।
मिजाज अपने आपका बड़ा रखते है जो वो भी,,
कभी सर्दी में अकड़ते और गर्मी सा पिघलते है लोग।।
सतर्क रहना भी संघर्ष है इस फरेबी दुनिया मैं,,
मनु हालात बराबर नहीं कभी इसलिए सभलते है लोग।।
मानक लाल मनु