बदलती जिंदगी
बाजार से अब दूर हुए हैं लोग,
चहल-पहल खो गया है, सन्नाटा है हर सोग।
छोटी-सी दुकानें, अब बड़ी बन गईं,
मार्ट और मेगामार्ट में खुशबू खो गईं।
कभी था मोल-भाव का मज़ा,
अब डिस्काउंट में छिपा सौदा सज़ा।
बिग बाजार से जियो की ओर कदम बढ़ाए,
आँगन की खुशियों को ऐप्स में समाए।
ऑनलाइन होम डिलीवरी की आई बहार,
दुकान की जगह अब डिजिटल प्यार।
मौहल्ले की गली में जहां था रौनक का संसार,
अब वो जगह भी है ऑनलाइन व्यापार।
गली के छोटे दुकानदारों का क्या हाल?
जब हर चीज़ अब आती है बस एक क्लिक में हलाल।
दूर होते रिश्ते, समीप होती तकनीक,
जिन्होंने बदला खरीददारी का अनोखा तरीका।
सदियों से जो था अपना,
अब वो भी बदल गया है जमाना।
कभी जो दिलों से जुड़ा था बाजार,
अब बस रह गया है एक ऑनलाइन व्यापार।