बदलता वक़्त ——- किस चेहरे ——-! शेर
बदलता वक्त ही नहीं लोग भी बदल जाते हैं।
अंदर क्या है चल रहा बाहर और ही नजर आते हैं।
कहते रहते तुम्हारे हैं,आजमा के देख लेना,
जरूरत के वक़्त नजरअंदाज कर जाते है।।
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किस चेहरे पर करें भरोसा, खाया है कई बार धोखा।
सादगी से चलते रहे, राहों को हमारी बार-बार रोका।।
सोचता रहता क्या इतनी बुरी है सच्चाई की राहें।
मुझे लूटने का तलाश रहा मेरा ही यार मौका।।
राजेश व्यास अनुनय