बदरी में चांद
जीअत चलल जा
जीअत चलल जा
हर हाल में तू बस
जीअत चलल जा…
(१)
आंख के आंसू या
जीवन के ज़हर के
हर बूंद मरते दम ले
पीअत चलल जा…
(२)
दुनिया के हाथे से
हर फाटल चुनर के
प्यार के धागा से
सीअत चलल जा…
(३)
रस्ता निकल आई
कवनो ना कवनो
चारू ओर ‘मितरा’
जोहत चलल जा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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