बदनाम औरतें
बदनाम औरतें
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भोंडे श्रृंगार से लिपी पुती बदनाम औरतें
छज्जे और खिड़कियों से झाँकती औरतें
पापी पेट के लिये ग्राहक तलाशती औरतें
हर हाल में लुटती औ लुटाती ये औरतें
हर गंदे इशारे पे मुस्कुराती और करती ये औरतें
इस गलीच काम करने को हैं ये मजबूर औरतें
हर ज्यादिती और शोषण का शिकार ये औरतें
गन्दी बीमारियों से भी होती परेशान ये औरतें
इन औरतों के बच्चों को स्वस्थ माहौल नहीं मिलता
उसी गलीच में पलना और झेलना उनकी किस्मत होता
हर बात पर गाली खाती और देती है ये औरतें
औरत की बदहाली और बदकिस्मती की मिसाल ये औरतें
कौन इनको यहाँ लाता और गलत काम कराता है
कौन अपने फायदे के लिये इनसे ये धंधा कराता है
इन औरतों की आम जिंदगी इतनी अँधेरी क्यों है
इनको भी सही जिंदगी मिले इसमें इतनी देरी क्यों है
क्यों हम चाहते हैं कि कोठे रहें और सदा आबाद रहें
क्यों हम इन गरीब.. मजबूर… बदनाम औरतो का
शोषण होने देते हैं
क्यों हम इनको नया जीवन या जीने की नयी
उम्मीद नहीं देते हैं
जरा इस बात पर भी आप जरूर गौर फरमाइयेगा
इन बेचारियों की बेहतर जिंदगी हो इसका कोई
उपाय बताइयेगा
(क्रमशः)
(इनकी व्यथा गहरी और बड़ी है..जो इन लाइनों में नहीं सिमट पायी)