बदनामी
मौत से डरता नहीं,
मौत आती है सभी कि,
डरता हुं बदनामी से,
जो पूछ कर आती ना कभी,
ना जाने कितने को खा गयी,
यह”बदनामी” ने
हमें तो बचना है इससे,
जो मार ना सके सीने में गोलियां,
मौत जब आएगी, तब आएगी,
बदनामी तो अभी मार डालती है,
डर लगता है साहेब,
यह है बङा खतरनाक हथियार,
अपनी हि नज़र में हि गिरा देती है,
यह बदनामी,
इज्ज़त अपनी, सौहरत अपनी,
सब कुछ अपनी-अपनी
इसको ना धोने पाए ,यह बदनामी कभी
ज़िन्दगी उसका सफल,
जो बच गया बदनामी से,
ना जाने कितने मरते हैं अकाल मृत्यु,
डर के इस बदनामी से,
कोशिश कर बचे बदनामी से,
क्योंकि अपनी सुरक्षा अपनी हाथ
मौत का क्या साहेब,
मौत तो आती है सभी कि
Dedicated to late Mr.Atal Bihari Vajpayee, although I am not interested in politics ,I hate politicians but he is my favourite politicians,I love his poem.This is small tribute to him.