“बदतर आग़ाज़” कभी भी एक “बेहतर अंजाम” की गारंटी कभी नहीं दे सक “बदतर आग़ाज़” कभी भी एक “बेहतर अंजाम” की गारंटी कभी नहीं दे सकता। 🙅प्रणय प्रभात🙅