बता रे ओ इंसान
तारीफ करू तेरी कि तूने छू लिया गगन,
माँ को रुलाया तूने करू मैं करुण रुदन,
बता रे ओ इंसान,
कहाँ गया ईमान,
लालच में हुआ तू बेईमान,
देख दूजे को होता परेशान,
तेरी यह जो है झूठी शान,
डुबोएगी तेरा यह सम्मान,
मत रख प्यारे कच्चे कान,
वाणी को बना मधुर गान,
जगा ले सोए स्वाभिमान,
सदा चल तू सीना तान,
बहुत है तुझमे भरा ज्ञान,
कर उपकार मिटा अज्ञान,
चल तू सदा सीना तान,
वतन का कर तू सम्मान,
।।।जेपीएल।।