Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2024 · 1 min read

बताओगे कैसे, जताओगे कैसे

बताओगे कैसे, जताओगे कैसे
ये मसला है लेकिन, छिपाओगे कैसे
अगर आग दिल में लगी है हमारे
तो पानी से उसको बुझाओगे कैसे

1 Like · 131 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

आसू पोछता कोई नहीं...
आसू पोछता कोई नहीं...
Umender kumar
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
Neeraj Agarwal
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
..
..
*प्रणय*
ज़ब घिरा हों हृदय वेदना के अथाह समुन्द्र से
ज़ब घिरा हों हृदय वेदना के अथाह समुन्द्र से
पूर्वार्थ
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
फिर एक बार 💓
फिर एक बार 💓
Pallavi Rani
मैं सफ़र मे हूं
मैं सफ़र मे हूं
Shashank Mishra
बेबसी जब थक जाती है ,
बेबसी जब थक जाती है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
" गुमान "
Dr. Kishan tandon kranti
रंगोली
रंगोली
Neelam Sharma
इतिहास गवाह है ईस बात का
इतिहास गवाह है ईस बात का
Pramila sultan
राधा रानी
राधा रानी
Mamta Rani
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
जो चीज आपको चैलेंज करती है,
जो चीज आपको चैलेंज करती है,
Anand Kumar Singh
बन्दर इंस्पेक्टर
बन्दर इंस्पेक्टर
विजय कुमार नामदेव
3227.*पूर्णिका*
3227.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
मेरी तुझ में जान है,
मेरी तुझ में जान है,
sushil sarna
यूं बातें भी ज़रा सी क्या बिगड़ गई,
यूं बातें भी ज़रा सी क्या बिगड़ गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"Jun88 là một trong những nhà cái có kho game trả thưởng đa
jun88net
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
किसलिए
किसलिए
Arvind trivedi
*दिल के रोग की दवा क्या है*
*दिल के रोग की दवा क्या है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गुज़रा है वक्त लेकिन
गुज़रा है वक्त लेकिन
Dr fauzia Naseem shad
ब्रह्म तत्व है या पदार्थ या फिर दोनों..?
ब्रह्म तत्व है या पदार्थ या फिर दोनों..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
थोड़ा खुश रहती हूँ मैं
थोड़ा खुश रहती हूँ मैं
Ayushi Verma
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
Rj Anand Prajapati
हर  घड़ी  ज़िन्दगी  की  सुहानी  लिखें
हर घड़ी ज़िन्दगी की सुहानी लिखें
Dr Archana Gupta
Loading...