Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2020 · 1 min read

बढ़ रही है तेरे मेरे बीच की खाई क्या करूं.

बढ़ रही है तेरे मेरे बीच की खाई क्या करूं.
फिर उस पर मैं और मेरी तनहाई क्या करूं.

हम तो आये थे तेरे शहर में तेरी जानिब.
पर तू और हाय रे तेरी रुसवाई क्या करूं.

मैने भी सोचा के चल भूल ही जाता हूँ उसे.
पर मेरे साथ चलती है तेरी परछाई क्या करूं.

तैरने का हुनर तो था पर डूब गया उनमें.
जब देखी नशीली आंखों की गहराई क्या करूं.

सुना है प्यार मोहब्बत तकदीर की बात है दीप.
मुकद्दर ने कर डाली मुझसे बेवफाई क्या करूं.
✍️✍️…दीप

31 May, 2020
9:00 PM

2 Likes · 2 Comments · 320 Views

You may also like these posts

उम्मीदें और रिश्ते
उम्मीदें और रिश्ते
पूर्वार्थ
जिस दिन ना तुझे देखूं दिन भर पुकारती हूं।
जिस दिन ना तुझे देखूं दिन भर पुकारती हूं।
Phool gufran
*हल्दी (बाल कविता)*
*हल्दी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शेर : तुझे कुछ याद भी है क्या मिरा उस रात में आना
शेर : तुझे कुछ याद भी है क्या मिरा उस रात में आना
Nakul Kumar
जिंदगी को बोझ नहीं मानता
जिंदगी को बोझ नहीं मानता
SATPAL CHAUHAN
अब नहीं
अब नहीं
Seema gupta,Alwar
ममता
ममता
Rambali Mishra
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
विराट सौंदर्य
विराट सौंदर्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
आलस्य परमो धर्मां
आलस्य परमो धर्मां
अमित कुमार
बरसों में ना समझे जो
बरसों में ना समझे जो
Chitra Bisht
खामोशियों
खामोशियों
manjula chauhan
गीत- उड़ाओ प्यार के बादल...
गीत- उड़ाओ प्यार के बादल...
आर.एस. 'प्रीतम'
मासूम बच्चे बड़े हो जाते हैं...
मासूम बच्चे बड़े हो जाते हैं...
Ajit Kumar "Karn"
"" *सुनीलानंद* ""
सुनीलानंद महंत
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
Keshav kishor Kumar
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल में
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल में
shabina. Naaz
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
कपितय देवतुल्य महामहीम  लोगो ने 'जाहिल'  मुझे नाम दे रखा है।
कपितय देवतुल्य महामहीम लोगो ने 'जाहिल' मुझे नाम दे रखा है।
Ashwini sharma
"मत भूलो"
Dr. Kishan tandon kranti
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आइना हूं
आइना हूं
Sumangal Singh Sikarwar
अब तो जागो तुम बहुजनों
अब तो जागो तुम बहुजनों
gurudeenverma198
एक लम्हा
एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
MEENU SHARMA
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रींगस वाली राह पकड़कर
रींगस वाली राह पकड़कर
अरविंद भारद्वाज
12.धुंआ
12.धुंआ
Lalni Bhardwaj
मैं अपनी कहानी कह लेता
मैं अपनी कहानी कह लेता
Arun Prasad
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...