बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
कठिन परीक्षा होती रण में, ना करना फिर तुम संकोच ll
खड़ा हिमालय बता रहा हैं, बनना हैं तुमको सरताज l
मांग रही हैं फिर बलिबेदी, आज तुम्हारा पुण्यप्रताप ।।
नभमंडल में नाम गूंजता , रहा सदा हैं वीरों का l
शीश न झुकने देंगे हम फिर, अपने आज तिरंगे का ll
बढ़े चलो तुम हिम्मत करके, मत देना तुम पथ को छोड़ l
कठिन परीक्षा होती रण में, ना करना फिर तुम संकोच ll
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लोधी श्याम सिंह तेजपुरिया