* बढ़ेंगे हर कदम *
** मुक्तक **
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यही आधार है सुखमय भरोसा तोड़ मत देना।
दिया करना हमेशा साथ राहें मोड़ मत देना।
जरूरी है हमें बनना सहारा एक दूजे का।
मिलेगी मंजिले हर बार आशा छोड़ मत देना।
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बढ़ेंगे हर कदम आगे सभी के साथ जीवन में।
मिलेंगे लक्ष्य जीवन में गहन विश्वास है मन में।
निराशा के सघन घन भी कभी छाने नहीं देना।
खिलेंगे फूल खुशियों के महकते खूब आंगन में।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १८/०४/२०२४