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14 Oct 2023 · 1 min read

बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।

बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।
बड़ा खुद को समझने की विरासत छोड़ देते हैं।।
गलतफहमी तुम्हें भी है गलतफहमी हमे भी है।
चलो कुछ देर के खातिर सियासत छोड़ देते हैं।।

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