बड़े एहसानफ़रामोश – बेगैरत हैं वो
असर लहू का बदलता नहीं है
बड़े एहसानफ़रामोश
बेगैरत हैं वो
जा ग़ैरों के आशियानें में जो
अपने मुल़्क का खा कर नमक
उसी को बदनाम करते है
असर लहू का है ये शायद
पाला जिस माटी ने है
मिलाने मिट्टी में उसी को
साज़िश बड़े बेशर्मों की तरह
सरे आम करते हैं