बजीरे आजम
इन चीख- पुकारों से ये नन्हे बच्चों की की हा हा कारों से।पूछो! शहीद सैनिकों की विधवा नारी के मन से। काश्मीर घाटी के उस रुद्र क्रदंन से। प्रतिदिन के संवेदनशील,अखवारो के पन्नों से। सड़क पर तड़पती उस गौ माता के प्रानो से।कौन चढ़ गया भेंट,गलत नीतियों के कारन से।हर स्थिति बयां नही कर सकता,पूछो बेदर्दी मन से। कैसे नींद आती होगी पूछो बजीरे आजम के मन से।