बजरंग बली
तिलका छंद
विधान-दो सगण सूत्र पर आधारित।
★★★★★
बजरंग बली।
दर आज चली।
जयकार भली ।
रिपु तोड़ नली ।
हृद राम-सिया।
गुणगान किया।
प्रभु नाम लिया
सब काम किया।
हनुमान लला।
रघुनाथ कला।
भय शोक टला।
जब लंक जला।
कर वज्र गदा।
बल वीर सदा।
सुषमा सुखदा।
रटते शुभदा।
तम, सत्व, रजो।
गुण ज्ञान सजो।
हनुमान भजो।
अभिमान तजो।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली