बच्छर म एक घंव
बच्छर म एक घंव
ममा दाई घर जाबो।
पोरा तिहार बर
नदिया बैला चलाबो।।
बांस के असकुड़
सीली चक्का चढाबों
दाई के संग संग
तीजा माने ल जाबो
बच्छर म एक घंव
ममा दाई घर जाबो।
भाई बहिनी मिलके
सब मजा उड़ाबो।।
नदिया बैला ले बर
घोरन मताबो।
बच्छर म एक घंव
ममा दाई घर जाबो।।
ठेठरी खुरमी बड़ा,भजिया
फेकत ले खाबो।
माटी के नदिया बैला
अड़बड़ चलाबो।।
सहींच के बैला ल
अड़बड़ सजाबो ।
गांव भर के बैला ल
नदिया बैला बनाबो
बच्छर म एक घंव
ममा दाई घर जाबो।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे