बच्चे (कुंडलिया )
बच्चे (कुंडलिया )
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बच्चे बनना है कठिन, बाकी सब आसान
सीधा – सादा जो हुआ, उसमें हैं भगवान
उसमें हैं भगवान , सरलता में कठिनाई
निर्मल मन की राह,पकड़ कितनों ने पाई
कहते रवि कविराय, गौर से देखो सच्चे
होते ईश- स्वरूप , सिर्फ हैं जग में बच्चे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9997615451