बच्चे और युवा ही किसी देश या राष्ट्र निर्माण के प्रथम स्त्रो
बच्चे और युवा ही किसी देश या राष्ट्र निर्माण के प्रथम स्त्रोत या केंद्र होते है जिस देश के युवा दिशाहीन गलत मार्ग पर अग्रसरित हो जाते है उस देश का विकास मंद हो जाता है अपराध हिंसा बलात्कार जैसे अवगुण बढ़ जाते है।
प्रद्यौगिकी और अविष्कार ही किसी राष्ट्र के निर्माण का प्रथम अभिकारक है।
RJ Anand Prajapati