Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

“बच्चा “

दिल ये चाहे बच्चा बन जांऊ,
मेघा जब गरजे झूम के बरसे,
मेघा संग मैं भी नाचूं – गाऊं,
छपाक छप-छप करके नहांऊ,
बरसाती नालों में कागज की नाव चलाऊं,
दिल ये चाहे बच्चा बन जाऊँ,

फिसलन पट्टी पे फिसल इतरांऊ,
एक झूला छोड़ू दूजे पे जांऊ,
पकड़ना कोई चाहे हाथ ना आऊँ,
अपनी जीत पे मन ही मन मुस्कांऊ,
दिल ये चाहे बच्चा बन जांऊ,

खिलौना देख मैं मचल-मचल जांऊ,
समझाने पे भी, बाज ना आऊं,
मय खिलौने के घर आऊँ,
संगी साथियों को दिखा इतरांऊ,
दिल ये चाहे बच्चा बन जांऊ,

घर -घर खेलूं पापा बन जांऊ,
मुखिया बन मैं रौब जमांऊ,
बच्चों को कांधे पे बिठा, मेला दिखलांऊ,
भाई-चारा क्या होता है, का पाठ पढांऊ,
अकेलापन जो फैला दुनिया में, उससे निजात पांऊ,
दिल ये चाहे बच्चा बन जांऊ,

जात पात से ऊपर उठ जांऊ,
तेर-मेर से परे एक दुनिया बसांऊ,
बन्धनों की गांठे खोल सौहृदय फैलांऊ,
परमाणु बमों के बलबूते जो आतंक़ फैलायें,
उन्हें शान्ती का पाठ पढ़ांऊ,
दिल ये चाहे “शकुन” बच्चा बन जांऊ ||

– शकुन्तला अग्रवाल, जयपुर

Language: Hindi
63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बदलती जरूरतें बदलता जीवन
बदलती जरूरतें बदलता जीवन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पत्तल
पत्तल
Rituraj shivem verma
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )-
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )- " साये में धूप "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
VINOD CHAUHAN
"अपना"
Yogendra Chaturwedi
*श्री जगन्नाथ रस कथा*
*श्री जगन्नाथ रस कथा*
Ravi Prakash
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
छठ पूजा
छठ पूजा
Dr Archana Gupta
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
©️ दामिनी नारायण सिंह
3919.💐 *पूर्णिका* 💐
3919.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उत्कंठा का अंत है, अभिलाषा का मौन ।
उत्कंठा का अंत है, अभिलाषा का मौन ।
sushil sarna
Good night
Good night
*प्रणय*
दुर्योधन मतवाला
दुर्योधन मतवाला
AJAY AMITABH SUMAN
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
“प्रजातांत्रिक बयार”
“प्रजातांत्रिक बयार”
DrLakshman Jha Parimal
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
ज़िंदगी में हर मोड़ मुहब्बत ही मुहब्बत है,
ज़िंदगी में हर मोड़ मुहब्बत ही मुहब्बत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्यार शब्द में अब पहले वाली सनसनाहट नहीं रही...
प्यार शब्द में अब पहले वाली सनसनाहट नहीं रही...
Ajit Kumar "Karn"
डर डर जीना बंद परिंदे..!
डर डर जीना बंद परिंदे..!
पंकज परिंदा
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
मंजिल तक पहुँचाना प्रिये
मंजिल तक पहुँचाना प्रिये
Pratibha Pandey
मीनाबाजार
मीनाबाजार
Suraj Mehra
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वयं के लिए
स्वयं के लिए
Dr fauzia Naseem shad
अव्दय
अव्दय
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
Loading...