बेटियों की आवाज बचा लो हमें इन दरिंदों से।
खुशियों से झूम नहीं पाता हूँ,
इन दरिंदों से बचा लो, हमें
बहार में अकेले घूम नहीं पाता हूँ,
इन दरिंदों के कारण ।
हमें भी देखनी है ये दुनिया ,
दिखानी है ,ताकत हमें ।
हम बेटियों को बचा लो ,
इन दरिंदों से हमें ।
पूरी शक्ति लगा देंगे हम ,
अपनी ताकत दिखा देंगे ,हम
लहरा देंगे तिरंगा ।
ताकत अपना आजमा देंगे।
हम अपनी पहचान और
माता-पिता का सम्मान बढ़ा देंगे ।
आज नारी शक्ति का होगा सवेर ,
तब होगा इन दरिंदों का ढेर ।
जहाँ होगा नारी शक्तियों का शेर ,
वहाँ होगा इन दरिंदों का ढेर।