बचा कुछ नही
उन्होंने जब ठुकराया तो हुआ कुछ नही
सासे रही मगर ज़िन्दगी में बचा कुछ नही
जब आप मिले थे तो गिले शिकवे नही
लेकिन आज इनके अलावा बचा कुछ नही
एक ही दौलत है जो तुमसे अता की है
उस प्यार बिन जीवन मे बचा कुछ नही
इस तरह उसको पलको पे सजाया हमनें
कि आँखो में बिन उसके बचा कुछ नही
वो अजनबी बड़ी दूर चला गया मुझसे
उसके बिना दिल कहाँ है पता कुछ नही
उसकी गोदी में सिर रखकर सो जाना
इससे बड़ी दर्द ए दिल की दवा कुछ नही
वो सुर्ख गुलाब भी पतझड़ में बचा नही
ऋषभ उस डाल पर बचा कुछ नही