बचपन
मेरा भी एक बचपन था,
छोटा था मैं अल्हड़पन था,,
मैं भी एक छोटा लड़का था,
मेरा भी एक बचपन था।
कुछ सपने थे जो भूल गया हूं,
कुछ यादें हैं जो ताजी हैं,,
कुछ अपने थे जो छोड़ गए,
पहले मैं भी हंसता था।
चला गया वह बचपन मेरा,
चली गई अब नटखट बातें,,
रही नहीं कागज की कश्ती,
अब रहे नहीं अरमान मेरे।
मेरा भी एक बचपन था,
छोटा था मैं अल्हड़पन था।।
आता था अक्सर पास मेरे,
बचपन का एक मित्र मेरा,,
गलती करता था अक्सर में,
सहता था वार वो मित्र मेरा।
चला गया वह बचपन मेरा,
वापस लौट ना आएगा,,
मेरा भी एक बचपन था,
छोटा था मैं अल्हड़पन था।।
~विवेक शाश्वत ✍️