बचपन
छल ना कपट ना मैला मन
ना किसी को किसी से थी जलन
कितना प्यारा था बचपन.
इर्ष्या, द्वेष, बैर-भाव न था
जीवन में कोई तनाव न था
ना दिल में थी कोई उलझन
कितना प्यारा था बचपन.
पल में लड़ना पल में झगड़ना
खुश होकर फिर साथ में चलना
नहीं रहती थी कभी अनबन
कितना प्यारा था बचपन.