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25 May 2024 · 1 min read

बचपन

आओ मिलकर फिर एक बार दिन बचपन के जीते हैं
छुपम छुपाई और वही घोड़े बादाम का खेल खेलते हैं
जहां कंचे, पतंग या फिर गिल्ली डंडे भी न रहे अछूते
चलो फिर एक बार फिर बचपन की यादों में जीते हैं

भीगते हैं फिर एक बार चलकर बारिश के पानी में
चलाते हैं फिर एक बार नाव बारिश के पानी में
याद है न भीगने पर पड़ती थी डांट अम्मा की
मुंह फेरते ही उनके फिर खेलते थे बारिश के पानी में

इति

इंजी संजय श्रीवास्तव
बीएसएनएल, बालाघाट, मध्यप्रदेश

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