बचपन
याद है मुझको अभी तक वो फ़साना याद है।
बचपन का बीता हुआ मुझको ज़माना याद है।
पास बैठकर जब हम गीत सुना करते थे ।
तेरे होठों से गाया हुआ हर तराना याद है ।
इस भरी महफ़िल में जब दीदार आपका हुआ।
तेरी जानिब से किया मुझको इशारा याद है
आएंगे खुशियों के पल अपनी भी जिंदगी में।
तेरी ही बातों का एक अफसाना मुझे याद है।
किस तरह हम भूल पाएंगे तुझको ऐ मेरे दोनों।
दोस्ती का मुझको हर एक बादा निभाना याद है।।